बिहार चुनाव: 100 सीटों पर मजबूत उम्मीदवार तलाश रही कांग्रेस

 बिहार चुनाव: 100 सीटों पर मजबूत उम्मीदवार तलाश रही कांग्रेस


बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारी तेजी करते हुए कांग्रेस ने लगभग 100 विधानसभाओं पर मजबूत उम्मीदवारों की पहचान कर रही है. कांग्रेस ने ये कदम इंडिया गठबंधन के अंदर प्रभावी सीट बंटवारे अपनी स्थिति मजबूत करने और सत्तारूढ़ NDA के खिलाफ एक मजबूत चुनौती पेश करने की दिशा में उठाया है. 

जानकारी के अनुसार, कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने चुनाव के ऐलान से पहले गठबंधन में अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए 100 विधानसभा सीटों पर मजबूत उम्मीदवारों की तलाश शुरू कर दी है.

कांग्रेस के वरिष्ठ सांसद मनोज कुमार के अनुसार, आरजेडी, मुकेश सहनी की वीआईपी और अन्य सहयोगियों के साथ सीट शेयरिंग के फॉर्मूले को लेकर बात चल रही है. नवरात्र के बाद अगले दो हफ्तों के अंदर ये फॉर्मूला अंतिम रूप ले लेगा. इसके बाद इसकी सार्वजनिक घोषणा की जाएगी. 

उन्होंने कहा कि चर्चाएं अब तक अनुकूल रही हैं और कांग्रेस जरूरत पड़ने पर अपनी कुछ सीटें साझा करने को तैयार है जो गठबंधन में परिपक्वता और एकता को दर्शाता है.


कांग्रेस के नेता किशोर कुमार झा के एक बयान से..


ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी के सदस्य और बिहार कांग्रेस के नेता किशोर कुमार झा के एक बयान से सियासी हलचल मच गई है। किशोर कुमार झा के बयान से आरजेडी भड़क सकती है।उन्होंने कहा है कि बिहार में कांग्रेस कम से कम सौ सीटों पर चुनाव लड़े।अगर इतनी सीटें नहीं मिलती है तो पार्टी अकेले विधानसभा चुनाव लड़ने पर विचार करे।

आरजेडी पर साधा निशाना

राजद की आदत रही है कि वह हमेशा सीटों का मामला उलझाए रहता है। अंतिम समय में अपने मत के अनुसार कांग्रेस के मत्थे कमजोर सीटें थोप देता है। इससे कांग्रेस को नुकसान होता है। उन्होंने कहा कि जब पार्टी दिल्ली में अकेले चलने का निर्णय ले सकती है तो बिहार में भी उसे संकोच नहीं करना चाहिए।

कांग्रेस को 60-62 सीटों की उम्मीद

कांग्रेस के अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस इस बार 60-62 सीटों पर चुनाव लड़ सकती है, जिससे वीआईपी और अन्य क्षेत्रीय दलों जैसे सहयोगियों के लिए जगह बन सकती है. कांग्रेस लचीलापन दिखाने को तैयार है, लेकिन वरिष्ठ नेता स्पष्ट कर रहे हैं कि सीटों का समायोजन दोतरफा (टू-वे) होना चाहिए.

एक नेता ने ज़ोर देकर कहा, "ये प्रक्रिया आपसी होनी चाहिए. नए सहयोगियों के आने पर कांग्रेस अकेले इतनी रियायतें नहीं झेल सकती; आरजेडी जैसे प्रमुख सहयोगियों को भी इसी तरह का लचीलापन दिखाना होगा."


स्क्रीनिंग कमेटी को सौंपी गई जिम्मेदारी


बिहार कांग्रेस स्क्रीनिंग कमेटी (जिसकी अध्यक्षता कोषाध्यक्ष और वरिष्ठ नेता अजय माकन कर रहे हैं, इसमें जिसमें सांसद प्रणिति शिंदे, इमरान प्रतापगढ़ी और मध्य प्रदेश के कुणाल चौधरी सदस्य हैं) ने दिल्ली के इंदिरा भवन में व्यापक बैठकें की हैं. सोलह घंटे से ज़्यादा वक्त तक चले दो सत्रों में कमेटी ने लगभग 100 निर्वाचन क्षेत्रों के संभावित उम्मीदवारों का मूल्यांकन किया है.

इस प्रक्रिया में सांसदों, स्थानीय कांग्रेस नेताओं और पदाधिकारियों के साथ सीधे बातचीत शामिल है. इसका उद्देश्य डुप्लीकेशन से बचते हुए सबसे अच्छे उम्मीदवारों की पहचान करना है.


जीत की संभावना पर है ध्यान


कमेटी के एक सदस्य ने कहा, “हमारा ध्यान जीत की संभावना पर है. हमारा लक्ष्य केवल उन सीटों पर नहीं, जिन पर हमने पहले चुनाव लड़ा था, बल्कि उन क्षेत्रों में भी जहां कांग्रेस एक विश्वसनीय लड़ाई लड़ सकती है, उम्मीदवारों का एक मजबूत पैनल तैयार करना है.”

स्क्रीनिंग कमेटी ने अपनी जिम्मेदारियों को क्षेत्र-वार भी विभाजित किया है. इमरान प्रतापगढ़ी को दरभंगा, मुजफ्फरपुर और चंपारण क्षेत्रों की जिम्मेदारी दी गई. कुणाल चौधरी को सीमांचल और कोसी क्षेत्रों की जिम्मेदारी मिली. 

वहीं, प्रणीति शिंदे पटना और उसके आसपास के क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित कर रही हैं. समिति के सदस्यों ने स्थानीय गतिशीलता का आकलन करने और आगे के विश्लेषण के लिए प्रतिक्रिया लाने के लिए अपने नामित जिलों का दौरा भी किया है.


24 सितंबर को हो सकती है कमेटी की बैठक


सूत्रों ने बताया कि कमेटी की अगली वर्चुअल बैठक 24 सितंबर को होने की उम्मीद है और संभावित उम्मीदवारों की फाइनल लिस्ट महीने के अंत तक केंद्रीय चुनाव समिति (CEC) को सौंपी जाएगी.

कांग्रेस का लक्ष्य उन सभी 70 सीटों पर उम्मीदवारों के नामों को तय करना है, जिन पर उसने पिछले विधानसभा चुनावों में चुनाव लड़ा था. हालांकि, कांग्रेस सहयोगियों के साथ रणनीतिक अदला-बदली के लिए भी उत्सुक है, खासकर उन जगहों पर जहां गणित या स्थानीय ताकत से पता चलता है कि किसी अन्य सहयोगी को बेहतर मौका मिल सकता है. 

साथ ही कांग्रेस 20 सीटों की अदला-बदली पर जोर दे रही है, जहां उनका मानना है कि उनकी संभावनाएं मजबूत हैं और एक विजयी संयोजन बनाया जा सकता है.