बिहार में वोटिंग कब? चुनाव आयोग के इस कदम से मतदान की तारीखों पर अटकलें तेज

बिहार में वोटिंग कब? चुनाव आयोग के इस कदम से मतदान की तारीखों पर अटकलें तेज



बिहार में अक्टूबर-नवंबर में विधानसभा चुनाव होने हैं। लिहाजा, राजनीतिक गहमागहमी के बीच यहां सबसे बड़ा सवाल यही है कि चुनाव कब होंगे और कितने चरणों में होंगे। इस बीच, खबर आई है कि देश के मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) ज्ञानेश कुमार आयोग के दल-बल के साथ इस हफ्ते बिहार का दौरा करने जा रहे हैं। ET की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि मुख्य चुनाव आयुक्त की अगुवाई में भारत निर्वाचन आयोग की पूर्ण पीठ आगामी सप्ताह बिहार का दौरा कर सकती है। CEC के इस दौरे के साथ ही राज्य में विधानसभा चुनावों की उल्टी गिनती शुरू हो जाएगी।

रिपोर्ट में कहा गया है कि त्योहारों के मौसम को ध्यान में रखते हुए और 22 नवंबर तक नई विधानसभा का गठन होने की समय-सीमा को ध्यान में रखते हुए आयोग दशहरा (2 अक्टूबर) और दिवाली (19 अक्टूबर) के बीच चुनाव कार्यक्रम का ऐलान कर सकता है। अटकलें लगाई जा रही हैं कि छठ पूजा भी चुनावी कैलेंडर के बीच में पड़ सकता है। अगले महीने 25-28 अक्टूबर के बीच लोक आस्था का महापर्व छठ है।

30 सितंबर को प्रकाशित होनी है अंतिम मतदाता सूची

चुनाव आयोग की तारीखों का ऐलान बिहार में चल रहे विशेष गहन पुनरीक्षण पर भी निर्भर है क्योंकि अंतिम मतदाता सूची 30 सितंबर तक प्रकाशित होनी है। माना जा रहा है कि इन बाधाओं को पार करने के बाद ही आयोग चुनाव की तारीखों की घोषणा करेगा लेकिन मुख्य चुनाव आयुक्त के दल-बल समेत बिहार का दौरा करने की खबरों ने इन अटकलों पर चर्चा तेज कर दी है। बता दें कि पांच साल पहले यानी 2020 में तीन चरणों में विधानसभा चुनाव हुए थे। पहले चरण की वोटिंग 28 अक्टूबर को कराई गई थी। दूसरे चरण का मतदान 3 नवंबर और तीसरे चरण का मतदान 7 नवंबर को कराया गया था। ऐसी अटकलें हैं कि इस बार भी 5 से 15 नवंबर के बीच तीन चरणों में चुनाव कराए जाएंगे।

दशहरा बाद राष्ट्रीय स्तर पर SIR

ET की रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि दशहरे के तुरंत बाद, आयोग राष्ट्रीय स्तर पर मतदाता सूची के गहन पुनरीक्षण (SIR) शुरू करने की तैयारी में है। रिपोर्ट में कहा गया है कि चुनाव आयोग एसआईआर को एक साथ सभी राज्यों में शुरू करने के बजाय चरणबद्ध तरीके से लागू करेगा। रिपोर्ट में कहा गया है कि बाढ़ से तबाह हुए उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, पंजाब और केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर सहित अन्य राज्यों में एसआईआर कराने की तारीख बाद में तय की जाएगी क्योंकि राज्य का प्रशासनिक अमला फिलहाल राहत और पुनर्वास कार्यों में व्यस्त है और इस अभ्यास के लिए आवश्यक कर्मचारियों को तुरंत तैनात नहीं किया जा सकता।

इसी तरह, कई अन्य राज्यों में स्थानीय निकाय चुनाव होने हैं, इसलिए, वहां भी फिलहाल SIR नहीं कराया जाएगा। अगले 2-3 महीनों में आठ राज्यों में स्थानीय निकाय चुनाव होने हैं। आयोग सूत्रों के मुताबिक, ऐसे राज्यों में अलग समय पर एसआईआर कराया जाएगा।