23 महीने के बाद अब जेल से छूटे आजम खान; अखिलेश यादव का पहला बयान, उम्मीद है अब बीजेपी झूठा केस नहीं करेगी

 23 महीने के बाद अब जेल से छूटे आजम खान; अखिलेश यादव का पहला बयान, उम्मीद है अब बीजेपी झूठा केस नहीं करेगी


समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव और पूर्व मंत्री आजम खान की 23 महीने बाद रिहाई हो गई है. इलाहाबाद हाईकोर्ट से जमानत मिलने के बाद मंगलवार को वे जेल से बाहर निकले. आजम के बड़े बेटे अदीब अपने समर्थकों के साथ सीतापुर जेल पहुंचे. सवाल यह है कि कितने दिनों तक वह जेल से बाहर रहेंगे?

उत्तर प्रदेश में योगी सरकार बनने के बाद आजम खान की उलटी गिनती शुरू हो गई और कानूनी शिकंजा उन पर कसता गया. फरवरी 2020 में पहली बार आजम खान की गिरफ्तारी हुई थी और वहां से उन्हें सुरक्षा कारणों के चलते सीतापुर जेल शिफ्ट कर दिया गया था. आजम 27 महीने जेल में रहने के बाद मई 2022 में जमानत पर बाहर आए थे.

आजम खान 2022 में जेल से बाहर आने के बाद करीब सवा साल ही सलाखों से बाहर रह सके. आजम खान को अपने बेटे अब्दुल्ला आजम के फर्जी जन्म प्रमाण पत्र मामले में 18 अक्टूबर 2023 को दोबारा से जेल जाना पड़ा. अब 23 महीने बाद फिर से जमानत पर जेल से बाहर निकल आए, लेकिन आजम खान कितने दिनों तक बाहर रह सकेंगे?

क्या आजम खान फिर जाएंगे जेल?

इलाहाबाद हाईकोर्ट से मिली जमानत के बाद आजम खान 23 महीने के बाद सीतापुर जेल से बाहर आ जाएंगे, लेकिन बहुत दिनों तक जेल से बाहर नहीं रह सकेंगे. इसकी वजह यह है कि कई मामलों के फैसले बहुत जल्द आने वाले हैं. आजम खान पर दर्ज मुकदमों में 59 मामले मजिस्ट्रेट कोर्ट में पेंडिंग हैं, तो 19 मामले सेशन कोर्ट में पेंडिंग हैं. इसके अलावा तीन मामले जिला अदालत में हैं.

आजम खान पर 'क्वालिटी बार' की जमीन पर अवैध कब्जा करने का आरोप है, जिसमें हाल ही में उन्हें इलाहाबाद हाईकोर्ट से जमानत मिली है. आजम खान के खिलाफ दस्तावेजों में हेराफेरी, लूटपाट और अन्य गंभीर धाराओं के तहत मामले दर्ज हैं. आजम के ऊपर भैंस चोरी और बकरी चुराने तक के मामले दर्ज हैं. इसके अलावा सरकारी दस्तावेजों में हेराफेरी करने के कई तरह के आरोप हैं.

आजम खान पर जो पेंडिंग मामले हैं, उनमें से कई मामलों की सुनवाई की प्रक्रिया पूरी होने वाली है, जिसके बाद फैसला जल्द आ सकता है. सरकारी दस्तावेज में हेराफेरी के एक मामले, जिसमें उन्हें अपने बेटे अब्दुल्ला आजम के फर्जी जन्म प्रमाण पत्र में सात साल की सजा हो रखी है. पैनकार्ड और पासपोर्ट मामले में कोर्ट से बहुत जल्द फैसला आ सकता है, जिसमें अगर उन्हें सजा होती है तो फिर से जेल जाना पड़ सकता है.

आजम कितने दिनों तक जेल से बाहर रहेंगे?

योगी सरकार में आजम खान को पहली बार 27 महीने और दूसरी बार 23 महीने जेल में रहना पड़ा है. मई 2022 में जमानत पर रिहाई के बाद आजम खान बाहर आए थे और 17 महीने ही जेल से बाहर रह सके थे. उन्हें दोबारा 2023 में जेल जाना पड़ा था. अब 23 महीने बाद रिहाई हो रही है, तो सभी के मन में सवाल है कि कितने दिनों तक जेल से बाहर रह पाएंगे आजम खान.

दरअसल, आजम खान पर 104 मामले दर्ज किए गए, जिसमें 93 मुकदमे सिर्फ रामपुर में उनके खिलाफ दर्ज किए गए. ये मामले 2017 में यूपी में बीजेपी सरकार आने के बाद दर्ज किए गए हैं, जब मोहम्मद अली जौहर विश्वविद्यालय से जुड़े मामलों की जांच शुरू हुई. यही वजह है कि आजम खान पर दर्ज रामपुर में 93 मुकदमों में 11 राजस्व के हैं, यानि जमीनों से जुड़े हैं.

आजम खान पर दर्ज कुल 104 मुकदमों में से 12 मामलों में फैसला आ चुका है. कुछ मुकदमों में उन्हें सजा हुई है और कुछ में बरी हो गए हैं. इसके बाद भी आजम खान पर 80 से ज्यादा मुकदमे अभी चल रहे हैं. हालांकि, आजम खान को सभी मामलों में जमानत मिल चुकी है, लेकिन बहुत दिनों तक जेल से बाहर नहीं रह सकेंगे.

आजम खान के आगे की राह नहीं आसान? 

आजम खान पर 104 मुकदमे दर्ज हैं, जिसमें से 12 पर फैसला हो चुका है. आठ में बरी हुए हैं, तो चार में उन्हें सजा मिली है. अब्दुल्ला आजम के ऊपर 43 मुकदमे दर्ज हैं. आजम खान की पत्नी तंजीम फातिमा के ऊपर 35 मामले दर्ज हैं और बड़े बेटे अदीब पर 20 केस दर्ज हैं. इस तरह पूरे परिवार पर करीब पौने दो सौ मामले दर्ज हैं, जिसमें से सिर्फ 12 मामलों में अभी तक फैसले आए हैं.

आजम खान को अलग-अलग मामलों में जमानत मिल रही है, लेकिन उनके कई मामले अभी भी विचाराधीन हैं, जिनमें सुनवाई चल रही है. कुछ मामलों में उन्हें बरी भी किया गया है, जैसे मुरादाबाद में 17 साल पुराने एक मामले में आजम को बरी किया गया तो कई मामले फैसले की दहलीज पर खड़े हैं. आजम खान की कानूनी लड़ाई एक जटिल प्रक्रिया है, जिसमें एक साथ कई अदालतों में सुनवाई चल रही है.


आजम खान को कब-कब लगे झटके

आजम खान को सबसे बड़ा झटका उस समय लगा था, जब 2022 में भड़काऊ भाषण देने के एक मामले में अदालत ने तीन साल की सजा सुनाई थी. इसके चलते आजम की विधायकी चली गई थी. 2019 के लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान तत्कालीन जिलाधिकारी और वर्तमान में मुरादाबाद मंडल के कमिश्नर आंजनेय कुमार सिंह समेत तमाम अधिकारियों के लिए आजम खान ने अपमानजनक शब्दों का प्रयोग किया था, जिसके बाद उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ था.

भड़काऊ भाषण मामले में कोर्ट ने उन्हें तीन साल की कैद और छह हजार रुपए जुर्माना अदा करने की सजा सुनाई है. अब्दुल्ला आजम के फर्जी जन्म प्रमाण पत्र मामले में आजम खान को 7 साल की सजा 2023 में सुनाई गई थी. 2024 में डुंगरपुर जबरन जमीन बेदखली के मामले में रामपुर एमपी-एमएलए कोर्ट ने दस साल की सजा सुनाई. आजम खान को सड़क अवरोध और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के मामले में दो साल की सजा मिली. मशीन चोरी मामले में सात साल की सजा कोर्ट ने सुनाई है.

आजम खान और सपा लंबे समय से साथ- अखिलेश यादव


आजम खान के बीएसपी में शामिल होने की अटकलों पर सपा मुखिया अखिलेश यादव ने कहा, 'आजम खान और समाजवादियों ने लंबे समय से भाजपा का सामना करने में प्रमुख भूमिका निभाई है। हमें उम्मीद है कि आने वाले समय में उनके सभी मामले खत्म हो जाएंगे। सपा सरकार बनने के बाद, जिस तरह से सीएम ने उनके और डिप्टी सीएम के साथ-साथ भाजपा नेताओं के खिलाफ मुकदमे वापस लिए हैं, आजम खान के खिलाफ सभी झूठे मुकदमे वापस ले लिए जाएंगे।'

आजम खान की रिहाई पर अखिलेश यादव का बयान


समाजवादी पार्टी के मुखिया और सांसद अखिलेश यादव ने आजम खान की रिहाई पर कहा कि हमारा भरोसा था कि कोर्ट ने आजम खान को न्याय मिलेगा। उन्होंने कहा कि हम यह भी उम्मीद करते हैं कि आने वाले दिनों में बीजेपी आजम खान के ऊपर कोई अन्य झूठा मुकदमा दायर नहीं करेगी।