NDA में सीटों का बंटवारा नवरात्र के दौरान होगा; बोले चिराग पासवान - सम्मान से नहीं होगा समझौता!
बिहार चुनाव को लेकर महागठबंधन और NDA अपनी-अपनी रणनीतियां बनाने में जुटे हैं। महागठबंधन में शामिल दलों के बीच अब तक सीट शेयरिंग को लेकर बात पक्की नहीं हुई है। लेकिन एनडीए में सीट शेयरिंग कब होगी इसके बारे में लोजपा (रामविलास) प्रमुख चिराग पासवान ने काफी कुछ स्पष्ट कर दिया है।
केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री सह लोजपा (रामविलास) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान ने कहा कि एनडीए में नवरात्र के दौरान सीटों का बंटवारा हो जाएगा। वे सोमवार को पटना में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। पत्रकारों के सवाल पर उन्होंने कहा कि सीट बंटवारे में सम्मान के साथ समझौता नहीं होगा।
एनडीए में सीट बंटवारे को लेकर चिराग पासवान ने कहा कि मैं यह मानता हूं कि अब सीटों के बंटवारे को लेकर चर्चाओं का दौर शुरू होगा। शुभ दिनों की शुरुआत है। आज से नवरात्र की शुरुआत है तो मुझे लगता है कि शुभ दिनों में बात होगी और सब अच्छा ही रहेगा। हमारी स्थिति सम्मानजनक ही रहेगी। सम्मान के साथ समझौता कर कौन किस गठबंधन में रहता है।
'सम्मानजनक' सीटों पर अड़े चिराग पासवान
चिराग पासवान ने साफ शब्दों में कहा है कि वे 'सम्मानजनक' सीटों पर कभी समझौता नहीं करेंगे। उनके इस बयान ने यह संकेत दिया है कि अगर उन्हें उनकी पार्टी की ताकत के हिसाब से सीटें नहीं मिलीं, तो वे कोई भी सख्त कदम उठाने से पीछे नहीं हटेंगे। उन्होंने ये भी कहा, 'सम्मान से समझौता कर कौन किस गठबंधन में रहा है, यह सबको पता है', जिससे उन्होंने गठबंधन के अन्य दलों पर भी तंज कसा। चिराग का यह रुख साफ दिखाता है कि लोजपा (रामविलास) अपनी पहचान और ताकत को कमजोर नहीं होने देना चाहती।
सीट बंटवारे की घोषणा नवरात्र में होने की उम्मीद
चिराग पासवान ने सीटों के बंटवारे की घोषणा की संभावित तारीख का भी संकेत दिया है। उन्होंने कहा कि ये 'नवरात्र' में किया जाएगा, क्योंकि यह शुभ समय होता है और इस दौरान सभी गठबंधन सहयोगियों को 'शुभ समाचार' मिलेगा। ये बयान एक तरह से एनडीए नेतृत्व पर दबाव डालने की रणनीति के रूप में भी देखा जा रहा है। चिराग ने स्पष्ट किया कि उनकी पार्टी तभी मान जाएगी, जब उन्हें उनकी शर्तों के अनुसार सम्मानजनक सीटें मिलेंगी।
एनडीए में सीट बंटवारे को लेकर हलचल
कुल मिलाकर, चिराग पासवान का यह बयान एनडीए के भीतर सीट बंटवारे को लेकर चल रही बातचीत को और अधिक दिलचस्प बना रहा है, जिससे आगामी चुनावों से पहले की राजनीतिक गहमागहमी और बढ़ गई है। इससे पहले पूर्णिया में चिराग पासवान ने रविवार को एक रैली की थी, जिसमें उन्होंने कहा था कि उनके पिता स्वर्गीय रामविलास पासवान की वजह से मुफ्त राशन योजना और 'बैंगन के भाव में मोबाइल' मिल रहे हैं।
'कांग्रेस-RJD में हिम्मत है तो…'
जिस तरीके से पिछली बार पूरा ठीकरा कांग्रेस पर फोड़ा गया था कि इतनी सीटें दी गई थीं और इतनी पर ही जीतें तो कहीं ना कहीं यह उसका जवाब है। कांग्रेस में इतनी हिम्मत ही नहीं है। इतनी पुरानी पार्टी है आप एक बार बिहार में अकेले लड़ कर तो देखिए। इसके बावजूद अकेले लड़ने की हिम्मत ना तो देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस में है और ना ही बिहार की सबसे पुरानी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल में है। अकेले चुनाव तो ये लोग लड़ते हैं। ये चिराग पासवान पर निशाना साधते हैं। मैंने कम से कम साल 2020 में अकेले चुनाव लड़ने की हिम्मत तो दिखाई। इनमें से किसी में हिम्मत है तो अकेले चुनाव लड़ कर दिखाएं।
CWC पर क्या बोले चिराग पासवान
चिराग पासवान ने 24 सितंबर को पटना में कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक को लेकर कहा, 'मुझे पता लगा कि CWC को बिहार, पटना की याद आई। आखिरी बार CWC की बैठक बिहार में कब हुई थी? यह बात मेरी ज्यादा जानकारी में नहीं है। वैसे भी यह कांग्रेस का विषय है। किसी यह कहीं ना कहीं उसी दबाव की राजनीति है जिस दबाव की राजनीति के तहत बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव कहते हैं कि हम 243 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे। राहुल गांधी, तेजस्वी के साथ पूरी बिहार की यात्रा कर लेते हैं लेकिन एक बार भी तेजस्वी के नाम की सहमति कांग्रेस के तरफ से नहीं आई। अब CWC यानी कांग्रेस के जितने बड़े नेता जो कि निर्णय लेते हैं वो सब यहां आएंगे। कहीं ना कहीं दबाव से ज्यादा वर्चस्व की लड़ाई है और कौन भारी है यह दिखाने का प्रयास किया जा रहा है।